जब वक़्त का अंजाम आया
जब एक नया वक़्त आया
जब ये डर मेरे दिल पे छाया
जब जब मुझे घर से बाहर लाया
हर वक़्त ने मुझे ये समझाया
हर वक़्त में छत और कोना है
हर वक़्त में हसना और रोना है
तो वक़्त को लेकर क्यों रोता है
जब वक़्त निकट आएगा
हर वक़्त नजर आएगा
तब वो तुझे समझायेगा
हर वक़्त में खुल कर जीना है
इतना लिख कर ये समझ आया
की माना बहुत कुछ लिखा है
फिर भी सब कुछ लिखना है
हमारा काम तो है लिखना
मगर ओ लिखने वाले
इतना लिख कर ये समझ आया
की सब कुछ तो लिखा है
जब एक नया वक़्त आया
जब ये डर मेरे दिल पे छाया
जब जब मुझे घर से बाहर लाया
हर वक़्त ने मुझे ये समझाया
हर वक़्त में छत और कोना है
हर वक़्त में हसना और रोना है
तो वक़्त को लेकर क्यों रोता है
जब वक़्त निकट आएगा
हर वक़्त नजर आएगा
तब वो तुझे समझायेगा
हर वक़्त में खुल कर जीना है
इतना लिख कर ये समझ आया
की माना बहुत कुछ लिखा है
फिर भी सब कुछ लिखना है
हमारा काम तो है लिखना
मगर ओ लिखने वाले
इतना लिख कर ये समझ आया
की सब कुछ तो लिखा है
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